Not known Facts About hanuman chalisa
Not known Facts About hanuman chalisa
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[BuddhiHeena=without the need of intelligence; tanu=physique, individual; jaanike=figuring out; sumirau=remembder; pavanakumar=son of wind god, Hanuman; Bal=strength; Buddhi=intelligence; Bidya=awareness; dehu=give; harahu=take away, crystal clear; kalesa=ailments; bikara=imperfections]
व्याख्या – श्री रामचन्द्र जी ने हनुमान जी के प्रति अपनी प्रियता की तुलना भरत के प्रति अपनी प्रीति से करके हनुमान जी को विशेष रूप से महिमा–मण्डित किया है। भरत के समान राम का प्रिय कोई नहीं है, क्योंकि समस्त जगतद्वारा आराधित श्री राम स्वयं भरत का जप करते हैं
Power: Hanuman is extraordinarily robust, one particular capable of lifting and carrying any stress for a induce. He is named Vira, Mahavira, Mahabala and various names signifying this attribute of his. Through the epic war between Rama and Ravana, Rama's brother Lakshmana is wounded. He can only be healed and his Dying prevented by a herb located in a specific Himalayan mountain.
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥३७॥ जो सत बार पाठ कर कोई ।
व्याख्या – श्री हनुमान जी की चतुर्दिक प्रशंसा हजारों मुखों से होती रहे ऐसा कहते हुए भगवान् श्री राम जी ने श्री हनुमान जी को कण्ठ से लगा लिया।
भावार्थ – हे पवनसुत श्री हनुमान जी! आप सारे संकटों को दूर करने वाले हैं तथा साक्षात् कल्याण की मूर्ति हैं। आप भगवान् श्री रामचन्द्र जी, लक्ष्मण जी और माता सीता जी के साथ मेरे हृदय में निवास कीजिये।
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जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जितः॥
क्या सच में हनुमान चालीसा नहीं पढ़नी चाहिए?
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भावार्थ – भगवान् श्री राघवेन्द्र ने आपकी बड़ी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि तुम भाई भरत के समान ही मेरे प्रिय हो ।
नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
आप सुखनिधान हैं तथा सभी सुख आपकी कृपा से सुलभ हैं। यहाँ सभी सुख का तात्पर्य आत्यन्तिक सुख तथा परम सुख से है। परमात्म प्रभु की शरण में जाने पर सदैव के लिये दुःखों से छुटकारा मिल जाता है तथा शाश्वत शान्ति प्राप्त होती है।
व्याख्या – श्री हनुमान चालीसा में श्री हनुमान जी की स्तुति करने के बाद इस चौपाई में श्री तुलसीदास जी ने उनसे अन्तिम वरदान माँग लिया है कि हे more info हनुमान जी! आप मेरे हृदय में सदैव निवास करें।